हवेली डायरैक्टरशिप विवाद : हाईकोर्ट के फैसले के इंतजार में जैन बंधु
जालंधर. हवेली ग्रुप का डायरैक्टरशिप विवाद कानूनी दांवपेंचों के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। बड़े भाई सतीश जैन पर धोखे से हवेली हथिआने के संगीन आरोप लगाने वाले छोटे भाई हरीश जैन के खिलाफ स्थानीय कोर्ट में आईपीसी 182 की प्रौसीडिंग अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैंसले के बाद आगे बढ़ेगी। हाईकोर्ट में अब यह मामला मार्च के दूसरे हफ्ते में सुना जाएगा। कमिश्नरेट पुलिस ने आरोपी हरीश जैन के खिलाफ सभी तथ्यों की जानकारी होने के बाद भी भाई सतीश जैन के खिलाफ झूठी शिकायत देने की सूरत में आईपीसी की धारा 182 के तहत कलंदरा दायर किया है। आरोपी हरीश ने पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट होकर क्षेत्रीय अदालत में इस्तागासा दायर कर रखा है और आईपीसी 182 की प्रौसीडिंग को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। प्रथम कानूनी दृष्टि में आरोपी हरीश जैन सैंकडों सवालों के घेरे में हैं और वह उनका जवाब देने की बजाय कानूनी भाषा में जवाब देते फिर रहे हैं। माडल टाउन में फलक नाम से रेस्तरां का संचालन कर रहे आरोपी हरीश जैन ने हवेली इंडिया के नाम से रेस्तरां शुरु करने की कोशिश की थी जिसको पंजीकृत करने से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी ने खारिज कर दिया था। यह मामला भी हाईकोर्ट में चल रहा है। बहरहाल डायरैक्टरशिप विवाद से जुड़े हर केस पर जैन बंधुओं की निगाहें टिकी है और विवाद और भी गहराने की संभावना प्रबल है।
क्या है मामला
दोनों भाईयों में बीते साल यह विवाद पनपा था। आम जनता और शहर के रईस घरानों की नजर में भी आरोपी हरीश जैन हवेली से अलग हो चुके थे और उन्होंने कभी भी सतीश जैन के साथ हवेली के ईवेंट का मंच सांझा नहीं किया था। ऐसे में एकाएक उनका हवेली की डायरैक्टरशिप पर क्लेम किसी भी सरकारी अथारिटी के हलक से नीचे नहीं उतरा। कमिश्नरेट पुलिस ने जांच में हरीश को जानबूझकर झूठी शिकायत देने का दोषी माना और कोर्ट में कलंदरा दायर किया जिसका सामना आरोपी हरीश कर रहे हैं।